Shri love kahani in hindi | love story in hindi romantic

योगा गर्ल प्रेम कहानी - 

वो मुझे योगा की क्लास में मिली थी। उसकी वो मोटी मोटी कमसीन आँखें, वो प्यारा सा बेताब चेहरा, छोटी सी लम्बी मगर मदमस्त नाक, काले घुंघराले लहराते बाल, बेदाग कमल की तरह कोमल चेहरा, पीला कुर्ता और सफ़ेद सलवार पहने हुए, मदमस्त चाल में सामने से चलते हुये आ रही थी।

Srishti love kahani
योगा क्लास में आती है और सबकी निगाह उसकी तरह हो जाती थी। हो भी क्यों ना सृष्टि थी ही इतनी सुन्दर। वो इतनी सुन्दर थी कि एक बार कमल का फूल भी फीका पढ़ जाय उसके सामने। इतनी नाजुक कमल की पंखुड़ियों जैसी। इतनी गोरी मानो भगवान ने उसे फुर्सत में अप्सराओं के साथ बैठकर बनाया हो।


योगा क्लास ख़त्म हुई। सभी आ गये उसके पास मानो जैसे- कमल की सुगन्ध से भंवरे आ जाते हैं और मंडराने लगते है उसके आस पास। हर कोई उसका दोस्त बनना चाहता था। लेकिन वो बहुत कम बात करती थी और अपनी सहेलियों के साथ ही मस्त रहती थी।


उसकी एक सहेली मेरी दोस्त भी थी। उसने मेरा परिचय सृष्टि से ये बोल के करवाया था कि ये बहुत सरीफ और अच्छा लड़का है जो में सच्च में था। इस तरह हमारी प्यारी सी मुलाक़ात हुई। उसने अपना हाथ बढ़ाया हाथ मिलाने को और मेने भी अपना हाथ आगे किया। उसका हाथ और मेरे हाथ का स्पर्श हुआ, उसके हाथ इतने कोमल और सॉफ्ट थे, मानो कमल की पंखुड़ी मेरे हाथ में हो। वो फूलों सा अहसास में कभी नहीं भूल सकता।

Srishti love kahani

धीरे-धीरे हम बातें करने लगे। एक दिन उसके मोटी मोटी काली सी प्यारी आँखों में कुछ चला जाता है और सृष्टि मुझे कहती है। जरा देखना मेरी आँख में क्या गया। में उसके करीब गया और उसकी प्यारी मदमस्त आँखों में देखा और कहा कुछ नहीं था। वो फीलिंग्स उसके इतने पास जाने की में शब्दों में बयां नहीं कर सकता।


उसकी काली नसिली आँखों को इतने करीब से देखने के बाद मैं अब उसकी तरफ खीचा चला जा रहा था। अब में उसके लिए कुछ न कुछ ले के आता और वो भी मेरे लिए कभी बिस्किट और कभी चॉकलेट ले के आती थी। हम दोनों खूब हंसी मजाक और मटर गस्ती करने लगे थे। पर उसकी जो नजाकत माजक मस्ती के समय भी रहती थी वो भी कातिलाना रहती थी। 


यूँ ही नहीं कहते- खुदा ने लड़कियों के नैन नक्स बनाये हैं खंजर समझ कर, तभी वो दिल पे छुरियां चलाया करती हैं। खंजर का जख्म तो हम सेह लेते, पर नैनों का जख्म हम सहें कैसे।


दिन में योग क्लास ख़त्म हो जाती थी और फिर हम सब मिलकर खूब बातें करते। उसे शॉपिंग करने सरोजनी नगर मार्केट जाना था। उसे कोई मिला नहीं फिर अचानक से में मिला। उसने कहा सुनो ! क्या आप फ्री हो ? ये सुनकर मन में तो बहुत लड्डू फूटे पर मेने उसे पता नहीं चलने दिया।


मैने कहा - थोडा काम है कुछ.... आप बताओ। उसने कहा आप पहले अपना काम कर लो जल्दी से फिर मुझे फ़ोन करना। ये कहकर उसने अपना फ़ोन नंबर दिया। मैं बहुत खुश हुआ उस दिन जैसे- मानो मुझे सब कुछ मिल गया हो।


मैंने थोड़ी देर बाद फ़ोन किया और कहा सृष्टि कहां हो आप ? उसने कहा गेट के पास हूँ आप यहां पे आ सकते हो। मेने हँसते हुए कहा- अभी आया और फ़ोन काट दिया। उसके पास पहुंचा और कहा अब बताओ क्या बात है। उसने कहा- शॉपिंग करने चलोगे मेरे साथ, मेने न आउ देखा न ताऊ सीधे हां बोल दिया। और कहा चलो में आपको शॉपिंग करवा के लाता हूँ।


ये सुन कर सृष्टि बहुत खुश हुई और मुझे अपने गले लगा लिया। मेने पूछा इसमें गले लगाने वाली क्या बात है। उसने कहा क्या में नहीं लगा सकती। फिर मेने कहा जी क्यों नहीं जरूर लगाइये। वो ये सुनकर हंस पढ़ी। और कहा चलो अब सरोजनी मार्केट। हम दोनों बाइक पे बैठ चल दिये।


रास्ते में चलते - चलते मेने पूछा "श्री" सच्च बताना, आपने गले क्यों लगाया। उसका निक नाम श्री था। उसने कहा मेने सब से पूछा चलने को पर आपके अलावा किसी ने हां नहीं बोला। इसलिए आपको गले लगाया। उसको अपनी बाइक पे बैठा में ले गया एस न मार्किट। सृष्टि मेरे पीछे बैठी थी बहुत ही अच्छा फील हो रहा था। फिर हम दोनों ने खूब ख़रीददारी की और फिर उसको उसके घर छोड़ कर में अपने घर आया। 


तब से वो और में खूब बातें करने लगे। में तो उसे पसंद करता ही था और वो भी करने लगी। हम दोनों देर रात तक खूब बातें करते रहते और फिर धीरे धीरे दोनों में प्यार हो गया। हमें खूब अच्छा लगने लगा एक दूसरे से बात करते हुये। 


एक प्रेमी के तरह हमने सब तरह की मस्ती की और फिर दो साल बाद हमारी सादी हो गई। ये थी सृष्टि की लव कहानी जो योगा क्लास में मुझे मिली थी। इसे कहते हैं जो आपके लिए बना हे वो किसी न किसी कीमत पे आपको मिल ही जाता है।  Thanking...)


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