प्रतिदिन पूजा, विधान, क्यों किया जाए ? Information of daily pooja mantras

विशेष बातें -  वैदिक शास्त्र में daily pooja का विशेष प्रावधान है। वैदिक शास्त्र में गृहस्थ व अन्य लोगों के लिए अलग-अलग विधान बताया गया है। लेकिन कुछ मंत्रों अथवा श्लोकों को कोई भी पड़ सकता है।


श्लोक/मंत्र पढ़ने की विधि -  सबसे पहले स्नान आदि कार्य करके शुद्ध वस्त्र पहन कर, हो सके तो किसी मंदिर में जाकर पढ़े या फिर अपने घर में बने पूजा स्थल पर भी पढ़ सकते हैं। धूप - दीप नैवेद्य अवश्य चढ़ाएं। यथा शक्ति पाठ कर सकते हैं। 

daily pooja mantras


Daily पूजा अथवा मंत्रों की आवश्यकता -

वेद-कर्मकाण्ड अथवा वैदिक वांग्मय के अनुसार प्रतिदिन पूजा हमें इसलिए करनी चाहिए, जिससे हम देव, पितृ एवं मनुष्य इन तीनों ऋणों से मुक्त अथवा उऋण हो सके । 

वैदिक वांग्मय का भाग तैतिरीय संहिता (6.3.10.5 ) में बताया गया है कि मनुष्य जन्म लेते ही 3 ऋणों वाला हो जाता है। उन ऋणों से अऋण होने के लिए शास्त्रों में नित्य कर्म का विधान बताया गया है। इसमें शारीरिक शुद्धि, संध्या वंदन, तर्पण एवं देव पूजन कर्म बताए गए हैं ।


सभी संप्रदायों जैसे - क्षत्रिय, ब्राह्मण, वैश्य आदि के लिए मंत्र विधान है। कुछ मंत्र श्लोक आदि सभी पढ़ व कर सकते हैं, अपने सामर्थ्य अनुसार। कुछ अति सरल मंत्र, श्लोक दिए जा रहे हैं। जिन्हें थोड़ी सी सहायता/प्रैक्टिस से आप आसानी से पढ़ सकते हैं।

सबसे पहले स्नान आदि करके आप घर या किसी मंदिर अथवा पवित्र स्थान पर जाकर या जहां आप का मंदिर बना हो वहां बैठकर हनुमान चालीसा, स्त्रोत पाठ, दुर्गा चालीसा आदि पढ़ सकते हैं। या फिर मंत्र या श्लोक का ध्यान करें।


विस्तृत जानकारी के लिए नीचे दिये गये चित्र में से आप इन पुस्तकों को खरीद कर अथवा Pdf download कर पढ़ सकते हैं। ये अति सरल एवं सर्व बोधमयी वा सर्वत्र उपलब्ध होती हैं। 

daily pooja mantras 4book

विशेष - सभी पुराणों वा वैदिक वांग्मय में भगवान के अनेकों बीज मन्त्र व श्लोक हैं। आपको जो पसंद हो आप उन मंत्रों का जाप कर सकते हैं अपने-अपने सुविधा अनुसार। 


गणेश मंत्र-  श्री गणेशाय नमः। ॐ गणगणपते नमः। ॐ मंगल मूर्त्यै नमः। ॐ विघ्नेश्वराय नमः।  ॐ गणेशाम्बिकाभ्यां नमः। ओम् (ॐ) एकदंताय नमः ॐ लंबोदराय नमः। ॐ गजाननाय नमः। 


गणेश स्मरण श्लोक-

प्रातः स्मरामि गणनाथमनाथबन्धुं 

सिंदूरपूरपरिशोभितगण्डयुग्मम्।

उद्दंडविघ्नपरिखंडनचण्डदण्ड-

माखंडलादिसुरनायकवृन्दवन्द्यम्।।


विष्णु मंत्र -  श्री विष्णवे नमः। ॐ हरये नमः। ॐ पदम्नाभाय नमः। ॐ लक्ष्मीप्रियायै नमः। ओम् (ॐ) कमलनयनाय नमः। ॐ सत्यनारायणाय नमः। ॐ सहस्त्रशीर्षाय नमः। ॐ गोविंदाय नमो नमः। 


विष्णु स्मरण श्लोक-

प्रातः स्मरामि भवभीतिमहार्तिनाशं

नारायणं  गरुडवाहनमब्जनाभम्।

ग्राहाभिभूतवरवारणमुक्तिहेतुं 

चक्रायुधं तरुणवारिजपत्रनेत्रम्। 


शिव मंत्र -  ॐ नमः शिवाय। ॐ चंद्रशेखराय नमः। ॐ नीलकंठाय नमः। ॐ गङ्गाधराय नमः। ॐ पार्वतीपत्यै नमः। ॐ वृषभवाहनाय नमः। ॐ भोले नाथाय नमः। ॐ त्रिनेत्राय नमः। ॐ महाकालेश्वराय नमः। ॐ कैलाश पतये नमः। ॐ निर्गुणाय नमः। 


शिव स्मरण श्लोक -

प्रातः स्मरामि भवभीतिहरं सुरेशं

गंगाधरं वृषभवाहनमम्बिकेशम्। 

खट्-वाङ्गशूलवरदाभयहस्तमीशं 

संसाररोगहरमौषधमद्वितीयम्।।

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