बच्चों के स्वास्थ्य और समृद्धि हेतु कुछ श्लोक; Some Slokas to chant the health and prosperity of children
श्लोक पढ़ने की विधि -
सबसे पहले स्नान आदि कार्य करके शुद्ध वस्त्र पहन कर, हो सके तो किसी मंदिर में जाकर पढ़े या फिर अपने घर में बने पूजा स्थल पर भी पढ़ सकते हैं। धूप - दीप नैवेद्य अवश्य चढ़ाएं। यथा शक्ति पाठ कर सकते हैं।
सुख/प्रसन्नता प्राप्ति के लिए श्लोक-
- प्रणतानां प्रसीद त्वं देवी विश्वार्तिहारिणी। त्रैलोक्य वासिनामीडये लोकानां वरदा भव।
- सर्वस्य बुद्धि रूपेण जनस्य हृदि संस्थिते। स्वर्गापवर्गदे देवी नारायणी नमोस्तुते ।।
रोगों के नाश के लिए श्लोक-
- रोगान-शेषान-पहंसि तुष्टा, रुष्टा तु कामान् सकलान-भीष्टान्। त्वामा-श्रितानां न विपन्नराणां, त्वामा-श्रिता ह्या-श्रयतां प्रयान्ति।।
- जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते ।।
- देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
भय को दूर करने के लिए श्लोक -
- सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते। भयेभ्यस्त्राहि नो देवी दुर्गे देवी नमोस्तु ते।।
- एतत्ते वदनं सौम्यं लोचनत्रय-भूषितम्। पातु नः सर्वभीतिभ्यः कात्यायनी नमोस्तु ते।।
सभी प्रकार के कल्याण के लिए श्लोक -
- सर्वमंगल-मंगल्ये शिवे सर्वार्थ-साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तु ते।।
- शरणागत-दीनार्त-परित्राण-परायणे। सर्वस्यार्ति-हरे देवी नारायणी नमोस्तु ते।।
- करोतु सा नः शुभहेतु-रीश्वरी। शुभानि भद्राण्य-भिहन्तु चापदः।
1 Comments
How can pronunciation this Shlokas.... can you tell us...
ReplyDeleteHi,
Welcome to HindiBestBloG dot CoM
Thank you for your valuable comments
Please do not spammy comments.